पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे नेटवर्क का भंडाफोड़; जानिए क्या हो सकती है सजा?

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पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे नेटवर्क का भंडाफोड़; जानिए क्या हो सकती है सजा?

जानिए कैसे हमारे देश की खुफिया एजेंसी ने पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे गद्दारो को पकड़ा

Delhi 20 May : हाल ही में सोशल मीडिया पर एक शायरी काफी वायरल हो रही है , 

संभल कर किया करो ग़ैरों से हमारी बुराई ,

आप जिन्हे जाकर बताते हैं , 

वो हमें आकर बताते हैं ….

कुछ यही हाल हमारे देश के कुछ लोगो को है, जिन्हे ये लगा की हमारे देश की ख़ुफ़िया जानकारी वो यूँ ही पाकिस्तान जैसे देश को देते रहेंगे, और यहां कानो – कान किसी को खबर भी नहीं होगी पर हमारे देश की ख़ुफ़िया एजेंसियां भी किसी से कम नहीं,  बीते 10  दिनों में 1 नहीं ,  2 नहीं बल्कि ऐसे 11 जासूसों या आम भाषा में कहें अपने ही देश से गद्दारी कर रहे गद्दारों को पकड़ लिया है। 

जी हाँ, भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने बीते दस दिनों में पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे एक संगठित जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। हरियाणा और पंजाब से गिरफ्तार किए गए ज्योति मल्होत्रादेवेंद्र सिंहगजालायामीन मोहम्मदनोमान इलाहीअरमान, तारीफ, करणबीर सिंह,  सुखप्रीत सिंह, शहज़ाद  और मोहम्मद मुर्तजा अली पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए संवेदनशील जानकारियाँ इकट्ठा करने और भेजने का आरोप है।

इनमें से कुछ आरोपियों ने सोशल मीडिया के ज़रिए संपर्क साधा तो कुछ ने सैन्य ठिकानों और संवेदनशील इलाकों से सीधे जानकारी लीक की। सूत्रों के मुताबिक, कई आरोपी पैसों और लालच के जाल में फंसकर देश से गद्दारी कर बैठे।

कौन-कौन हैं गिरफ्तार जासूस?

  • ज्योति मल्होत्रा – हिसार, हरियाणा
  • देवेंद्र सिंह – कैथल, हरियाणा
  • गजाला – मलेरकोटला, पंजाब
  • यामीन मोहम्मद – मलेरकोटला, पंजाब
  • नोमान इलाही – पानीपत, हरियाणा
  • अरमान – नूंह, हरियाणा
  • तारीफ़ – नूंह, हरियाणा
  • शहज़ाद– रामपुर,  उत्तर प्रदेश 
  • करणबीर सिंह – गुरदासपुर, पंजाब 
  • सुखबीर सिंह – गुरदासपुर, पंजाब 
  • मोहम्मद मुर्तजा अली – जालंधर, पंजाब

इन गिरफ्तारियों से यह साफ़ स्पष्ट होता है कि ISI की रणनीति अब बदल रही है, वो अब सीमावर्ती इलाकों के साथ-साथ देश के अंदरूनी हिस्सों, सोशल मीडिया के प्रभावशाली लोगों और व्यापार के बहाने संपर्क रखने वाले व्यक्तियों को जाल में फंसा रही है।

क्या कहता है कानून?

भारत में जासूसी एक गंभीर अपराध है, और इसके लिए भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 और ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट, 1923 के तहत कड़ी सजा का प्रावधान है। अगर ये आरोपी दोषी पाए जाते हैं, तो इन्हें निम्न धाराओं में सजा हो सकती है:

 BNS धारा 152 (देशद्रोह):

  • सजा: आजीवन कारावास या मृत्युदंड
  • अपराध: भारत की संप्रभुता, सुरक्षा या अखंडता के विरुद्ध कार्य करना

 BNS धारा 147 (युद्ध छेड़ना):

  • सजा: मृत्युदंड या आजीवन कारावास

 BNS धारा 148 (षड्यंत्र):

  • सजा: 7 साल से आजीवन कारावास तक

 ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट, 1923:

  • धारा 3: गोपनीय जानकारी इकट्ठा करना – 14 साल तक की सजा
  • धारा 4: विदेशी एजेंटों से संपर्क – 2 साल तक की सजा
  • धारा 5: अनधिकृत जानकारी साझा करना – 3 साल तक की सजा

NSA और UAPA जैसे सख्त कानून भी लागू

  • NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) के तहत निवारक नजरबंदी संभव
  • UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) की धाराएं यदि आतंकवाद से लिंक हुआ

आगे क्या?

जांच एजेंसियों ने आरोपियों के मोबाइल, बैंक रिकॉर्ड और सोशल मीडिया गतिविधियों को खंगालना शुरू कर दिया है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि ISI के हैंडलर इनसे WhatsApp, Telegram जैसे माध्यमों से जुड़ते थे और पैसे के बदले गोपनीय जानकारी हासिल करते थे।

देश से गद्दारी का अंजाम:

भारत अब पहले जैसा नहीं रहा जो सब कुछ सह ले। आज का भारत जवाब देता है और जासूसी करने वालों को कानून के दायरे में लाकर सख्त सजा दी जाएगी। सुरक्षा एजेंसियां अब इस नेटवर्क के अन्य लिंक की तलाश में हैं और सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं ।

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